मनुष्य का हर एक दिन भगवान का उपहार है । हर दिन एक नया अवसर है जीवन में कुछ नया या अच्छा कोशिश करने के लिए ।जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा वही होता है जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे और आपके दोस्त आपको अपना परिवार । जरूरत है अपने अन्दर सकारात्मक सुविचार लाने की ।किनसे दूर रहें ! नकारात्मक लोगों से ! झूठे लोगों से ! और लोगों से जो आपकी ख़ुशी से जलते हों ।जीवन में कभी उदास नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक सोच आपपे हावी हो सकती है । ईश्वर कहते हैं उदास कभी ना हों में तेरे साथ हूँ सामने नहीं आस पास हूँ ! पलकों को बंद कर और दिल से याद कर मैं कोई और नहीं तेरा विश्वास हूँ ।स्वयं को ऐसा बनाओ ! जहाँ तुम हो, वहाँ तुम्हें सब प्यार करें ! जहाँ से तुम चले जाओ, वहां तुम्हें याद करें ! जहाँ तुम पहुँचने वाले हों, वहां तुम्हारा इन्तेजार करें ।जीवन में आगे बढ़ो, सफलता प्राप्त करो ! पर उस समाज को मत भूलो जहाँ आप ने जन्म लिया ।अगर निगाहें हो लक्ष्य पर और कदम हो राह पर तो ऐसा कोई राह नहीं जो लक्ष तक ना जाती हो ।दिमाग घुस्सा, नफरत या जलन रखने के लिए कचरे का डिब्बा नहीं है ! यह तो प्यार और खुशियों भरा खाजने का बक्सा है ।अगर भरोसा उपर वाले पर है, जो तक़दीर में लिखा है वही पाओगे ! पर अगर भरोसा अगर खुद पर हो तो तक़दीर में वही लिखेगा जो आप चाहोगे।
जीवन के विषय में कुछ सकारात्मक सुविचार
मत रोना क्योंकि यह ख़त्म हो चूका है, मुस्कुराईये क्योंकि यह हो चूका है।
आप जो भी चीज जीवन में कल्पना कर सकते हैं वह सच है।
जीवन साइकिल चलाने जैसा है। साइकिल को जिस प्रकार संतुलन रखने के लिए आगे चलाते रहना जरूरी है उसी प्रकार।
जीवन अपने आपको ढूँढने के लिए नहीं है। जीवन तो स्वयं को सफल बनाने के लिए है।
चीजें बदलती हैं और आपके मित्र भी आपको छोड़ के चले जाते हैं परन्तु जीवन किसी के लिए भी नहीं रूकता।
अपनी आत्मा को खो कर दुनिया को हासिल मतकरो क्योंकि बुद्धि, चाँदी और सोने से भी बढ़ कर है
मृत्यु जीवन को समाप्त करता है, ना की कोई रिश्ता।
अपने जीवन को भुला कर आप कभी भी शांति नहीं प्राप्त कर सकते।
या तो व्यस्त रहो या या तो व्यस्त मरो।
जीवन को ख़ुशी और आनंदित हो कर जीना चाहिए, ना की इसे एक बोझ की तरह झेलना चाहिए।
मन के विषय में कुछ सकारात्मक सुविचार
मैं किसी भी व्यक्ति को उसके गंदे विचारों के साथ अपने मन में चलने नहीं दूंगा।
हो सकता है आप गरीब हो, आपका जूता टूटा-फटा हो, परन्तु आपका मन हमेशा राजमहल है।
वह सांप जो अपनी खाल को नहीं उतारते उन्हें मरना ही पड़ता है। उसी प्रकार ऐसा मन जो अपने अन्दर बदलाव नहीं लाता वह पूरी तरीके से बंद हो जाता है।
असलियत/हकीकत मनुष्य के मन में मौजूद है, और कहीं नहीं।
विश्व/दुनिया की सुन्दरता को देखना ही मन की पवित्रता का पहला चरण है।
मन की शक्ति और उर्जा ही सही माएने में जीवन का सार है।
जीवन की सभी मुश्किलें मन का छलावा और भ्रम हैं।
अपरिमित को समझने के लिए, मन का असाधारण रूप से शांत तथा स्थिर होना बहुत ही आवश्यक है।
बहुत सारे व्यक्ति/लोग मन को आईने के समान सोचते हैं, ज्यादा या कम, सही रूप से यह पूरी दुनिया को विपरीत रूप से दर्शाती है, बिना कुछ सोचे की मन नें ही किसी भी तत्व का सृजन किया है।
अपने मन को सही रूप से सीधे रखने का तरीका है, जितना हो सके उलझाने और मुश्किलें पैदा करने वाले व्यक्ति से दूर रहें।
सच्चाई के विषय में कुछ सकारात्मक सुविचार
अगर आप सच कहेंगे, तो आपको कोई भी बात याद रखने की जरूरत नहीं है।
बल्कि प्यार की तुलना में, पैसे की तुलना में, प्रसिद्धी की तुलना में, मुझे सच दे।
जो भी चीज आत्मा को तृप्त करे या जिससे प्रसन्नता प्राप्त हो वही सच है।
सच्चाई से प्रेम करो, परन्तु क्षमा गलत है।
तिन चीजें कभी भी लम्बे समय तक नहीं छुपते: चन्द्रमा, सूर्य और सच्चाई।
सच में अधिक खूबसूरती है, भले ही यह बहुत ही भयानक सौंदर्य है।
मनुष्य हमेश अपने सत्य से घिरा हुआ है। जब वह उन्हें एक बार मान लेता है तो वह उनसे अपने आपको मुक्त नहीं कर सकता है।
सच्चाई सभी व्यक्तियों के लिए नहीं है, यह उन्हीं लोगों के लिए है जो अपने जीवन में सत्य को अपनाना चाहते हैं।
जहाँ पर भी सादगी, भलाई और सच्चाई नहीं वहां महानता नहीं।
Vah bhai
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