अग्रसेन की बावडी, Agrasen ki Baoli history


दिल्ली में अग्रसेन की बावडी एक अद्वितीय और रोचक स्मारक है। शहर की ऊँची और आधुनिक इमारतों से ग्रहणग्रस्त, केवल कुछ ही लोग राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र में इस ऐतिहासिक सीढीदार कुएं के बारे में जानते हैं। अग्रसेन की बावडी एक ऐतिहासिक स्मारक है जिसकी देखभाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करता है। कनॉट प्लेस के पास हैली रोड़ पर स्थित यह 15 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा कलात्मक सीढीदार कुआँ है। यह सोचा गया कि इसका निर्माण करवाने वाले व्यक्ति के बारे में कोई नहीं जानता परंतु किवदंती है कि इसका निर्माण महाभारत काल के महान राजा अग्रसेन ने करवाया था और अग्रवाल समुदाय के
 सदस्यों द्वारा 14 वीं शताब्दी में इसका पुन:निर्माण करवाया गया। इस कुएं में 103 सीढियां हैं जो आधार की ओर जाती हैं जिनमें किसी समय पानी एकत्रित किया जाता था और जो पाँच भिन्न स्तरों में बना है। अन्य पारंपरिक बावडियां जो अधिकांशतः वृत्ताकार हैं, से अलग यह भिन्न आकार में है जिसका एक सिर उठा हुआ मंच है जिस पर छत है और दूसरे सिरे पर छत नहीं है बल्कि एक नीम के एक बड़े वृक्ष की छाया पड़ती है। आज बावडी में पानी नहीं है परंतु यह कुआँ कई कबूतरों और चमगादडों का घर है। पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत इस स्मारक का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है। 

No comments:

Post a Comment