RED FORT HISTORY

लाल पत्थरों से बना यह 33 मीटर ऊँचा लाल किला Red Fort पुरानी दिल्ली के शौर्य और मुगलों की वैभव को दर्शाता है | इसकी विशाल दीवारों को 1638 में आक्रमणकारियों से बचने के लिए किया गया | इसका मुख्य द्वार लाहोर गेट वर्तमान भारत का एक गतिवान और प्रतीकात्मक केंद्र बिंदु है जहा पर हर वर्ष स्वंतंत्रता दिवस पर बहुत भारी भीड़ एकत्रित होती है | छत्ता चौक एक गुम्बदाकार वृक्षों से ढका मार्ग है जहा पर पुरानी चीजे बिकती है | Red Fort पर हर शाम को एक साउंड एंड लाइट शो आयोजित होता है जो भारत के इस किले से जुड़े इतिहास को बताता है |

Red Fort नेताजी सुभाष मार्ग पर स्तिथ है और सबसे करीबी मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है | यह हर सोमवार को बंद रहता है और सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है | Red Fort पर भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 10 रूपये और विदेशियों के लिए प्रवेश शुल्क 250 रूपये है | यहा पर फोटोग्राफी का कोई पैसा नही है और वीडियोग्राफी का 25 रुपये शुल्क है | Red Fort पर हर शाम 6 बजे लाइट एंड साउंड शो आयोजित होता है जिसमे वयस्कों के लिए 80 रूपये और बच्चो के लिए 30 रूपये शुल्क है

बादशाह शाहजहा ने लाल किले Red Fort का निर्माण 1638 में करवाया जब उसने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली परिवर्तित की | वास्तविकता में लाल और सफ़ेद बादशाह के पसंदीदा रंग थे और इसकी डिजाईन का श्रेय वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी को जाता है जिसने ताज महल की डिजाईन भी बनायी थी | यह किला यमुना नदी के समानांतर बना हुआ है | इस किले का निर्माण कार्य मुहर्रम के पवित्र महीने में शुरू हुआ और शाह जहा की देखरेख में 1648 में खत्म हुआ |

Red Fort की जगह मध्ययुगीन भारत में शाहजाह्बाद थी जो वर्तमान में पुरानी दिल्ली है | इसकी योजना और सौंदर्यशास्त्र शाहजहा के शाषनकाल में मुगल रचनात्मकता के चरम सीमा के दौरान बना | उसके वंशज औरंगजेब ने बादशाह के निजी निवास में मोतीयो से बनी मस्जिद ओर बनाई | मुगल साम्राज्य में औरंगजेब के बाद प्रशासनिक और वित्तीय संरचना कमजोर हो गयी और 18वी सदी में इस किले का पुनरोदय हुआ |   जब 30 वर्षो तक लाल किला जब बिना किसी बादशाह के  रहा तब जहांदार शाह ने 1712 में इस किले को पदभार संभाल लिया | उसके एक वर्ष के शाषनकाल के बाद उसकी हत्या हो गयी और फारूखसियार ने बागडोर संभाली |
पैसे जुटाने के लिए इस काल में रंग महल में चांदी की छत को ताम्बे में बदल दिया गया | मुहम्मद शाह ने कला में रूचि दिखाते हुए 1719 में इस किले का पदभार संभाल लिया |1739 में फारसी बादशाह नादिर शाह ने मुगल सेना को आसानी से पराजित कर दिया और Red Fort लाल किले सहित मयूर सिंहासन को भी लूट लिया | नादिर शाह 3 महीने बाद नष्ट शहर और कमजोर मुगल बादशाह को छोडकर फारस चला गया | मुगलों ने अपने आप को  कमजोर देखते हुए 1752 में मराठो के साथ संधि करते हुए उन्हें दिल्ली के सिंहासन का रक्षक बना दिया | 1758 में लाहोर और पेशावर पर विजय प्राप्त करने से अहमद शाह दुर्रानी से उनका संगर्ष हो गया | 1760 में मराठो ने दुर्रानी के खिलाफ युद्ध करने के लिए दीवाने खास की चांदी की छत को पिघलाकर  धन जुटाया |
मराठा पानीपत के तीसरे युद्ध में पराजित हो गये और दिल्ल्ली पर दुर्रानी का कब्ज़ा हो गया | इसके दस वर्ष बाद मराठो के सहयोग से शाह आलम फिर दिल्ली के सिंहासन पर बैठा | 1783 में सिख महासंघ के करोडीसिंघिया ने बाघेल सिंह धालीवाल के नेतृत्व में दिल्ली और लाल किले Red Fort पर कब्जा कर लिया | सिखों ने शाह आलम को बादशाह रहने दिया और मुगलों को इस शर्त पर दिल्ली पर राज करने को कहा अगर वो दिल्ली में सिख गुरुओ के लिए सात गुरद्वारे बनाये |
1803 में दुसरे अंग्रेज मराठा युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठो को हरा दिया और दिल्ली के लाल किले पर कब्जा कर लिया | अंग्रेजो ने मुगलों के सारे प्रदेश छीन लिए और लाल किले पर निवास स्थान बनाया | इस Red Fort लाल किले पर राज करने वाला अंतिम शाषक बहादुर शाह द्वितीय था जिसने 1857 की क्रांति में अंग्रेजो के खिलाफ लडाई की थी लेकिन लाल किले को अंग्रेजो से नही बचा पाए | बहादुर शाह द्वितीय के विद्रोह में हार जाने के बाद अंग्रेज सेना ने बहादुर शाह को गिरफ्तार कर लिया | उसे 1858 में अंग्रेज लाल किले में बंदी बनाकर लाये और उसी वर्ष रंगून भेज दिया |

मुगल शाषन के अंत के बाद अंग्रेजो ने इस किले की कई मूल्यवान वस्तुए लुट ली | सारे फर्नीचर को हटाकर तबाह कर दिया और हरम का कमरा , नौकरों के कमरे और बगीचे को तबाह कर दिया और पत्थरों की बैरक बनवा दी |केवल पूर्व दिशा में स्तिथ संगमरमर की बनी शाही इमारत को छोडकर सब तबाह कर दिया | अंग्रेजो ने इस किले के दो तिहाई हिस्से को तबाह कर दिया | 1899 से 1905 के बीच लार्ड कर्जन ने इस किले की मरम्मत करा दीवारों का पुनर्निर्माण करवाया और बाग़ को भी फिर से तैयार करवाया |
नादिर शाह के आक्रमण के दौरान इस किले के कई जवाहरातो और कलाकृतियों को लुट लिया गया | इसके बाद 1857 की क्रांति में हार के बाद इस किले के कई वस्तुए ब्रिटिश म्यूजियम में भेज दिया गया जैसे कोहिनूर हीरा , शाहजहा का शराब का प्याला और बहादुर शाह का ताज अभी भी लन्दन में है | कई बार भारत सरकार ने इन चीजो को भारत लौटने को कहा लेकिन ब्रिटिश सरकार ने मना कर दिया | 1911 में ब्रिटिश राजा  और रानी दिल्ली दरबार देखने आये जिसमे कुछ इमारतो को सुधारा गया | भारतीय सेना के कई अफसरों का लाल किले में कोर्ट मार्शल किया गया |
15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने Red Fort लाल किले के लाहोर गेट से तिरंगा लहराया | इसके बाद से हर स्वन्त्रन्ता दिवस पर प्रधानमंत्री इस किले पर तिरंगा लहराते है और देश को संबोधित करते है | भारत के स्वन्त्रत होने के बाद इस जगह में कुछ बदलाव हुए और लाल किले Red Fort को सैनिक छावनी बना दिया | इसके कई हिस्से 2003 तक भारतीय सेना के अधीन रहे और इसके आबाद भारतीय पुरातत्व विभाग को इसकी मरम्मत करने के लिए दे दिया गया |


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