कलम उठाई है लफ्ज़ नहीं मिलता, जिसको ढूंढ़ रहे हैं वो शक्स नहीं मिलता, फिरते हैं वो जमाने की तलाश में, बस हमारे लिए ही उन्हें वक़्त नहीं मिलता..
वक्त किसी के लिए रुकता नहीं
झुकने से भी ये झुकता नहीं
जी ले इस पल को जितना जीना है
फिर दर्द में इंसान झुकता नहीं
Absolutely true....west kisi k liye nhi rukta
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