कुछ सफ़र ज़िन्दगी के ऐसे होते है,
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाते है..!!
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाते है..!!
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।।
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।।
Wow......nice lines
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