रास्ता

वो अनजान आज मुझे अपने लगने लगे।
रास्ते में भी सपने सजने लगे
अब होने लगा मुझे से रास्ते प्यार
वो दिल्ली की सडको में घूमना
वो मेट्रो के पोल्ल में झूलना
वो दिल्ली हट का ठंडा
मेट्रो में लगा सर् पर लगा डंडा
अब रास्ते न थे अनजान
रास्तो में भी थी जान

दोस्ती

दोस्ती क्या है???
मेरी समझ मे नही आयी
क्या वो है दोस्ती जिसमे हमने करी लड़ाई
क्या वो है दोस्ती जिसमे साथ मिल कर पतंग उड़ाई
या वो जिसमे बाते फेकी तब भी हा से हा मिलाई
जो भी है बड़ी प्यारी है दोस्ती भाई
वो स्कूल जाना पीछे दिवाल पर गाना
वो लड़ कर खाना वो स्कूल बंक करके घूमने जाना
वो बीमारी में हँसाना वो एक दूसरे को छेड़ कर जाना
वो मैग्गी बनाना मैग्गी में पानी गिर जाना बहोत हसीन है तुम्हारा याराना।।।।